ANKESH KUMAR MAURYA: 09/06/18

Thursday, 6 September 2018

Important points related to Magadha Empire

मगध प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था. आधुनिक पटना और गया जिले इसमें शामिल थे. अभी इस नाम से बिहार में एक मंडल है- मगध मंडल. मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्व वेद में मिलता है. मगध बुद्धकालीन समय में एक शक्‍तिशाली राजतन्त्रों में एक था. यह दक्षिणी बिहार में स्थित था जो बाद में उत्तर भारत का सर्वाधिक शक्‍तिशाली महाजनपद बन गया. मगध महाजनपद की सीमा उत्तर में गंगा से दक्षिण में विंध्‍य पर्वत तक, पूर्व में चम्पा से पश्‍चिम में सोन नदी तक विस्तृत थी.
मग राज्‍य से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य:
(1) मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्‍थापक बृहद्रथ थे.

(2) मगध की राजधानी गिरिब्रज (राजगृह) थी.

(3) मगध की गद्दी पर बिम्बिसार 545 ई. पू. में बैठा था.

(4) बिम्बिसार हर्यक वंश का संस्‍थापक था.

(5) बिम्बिसार ने ब्रह्मादत्त को हराकर अंग राज्‍य मगध में मिला लिया.

(6) बिम्बिसार बौद्ध धर्म का अनुयायी था.

(7) बिम्बिसार ने राजगृह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया.

(8) बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 सालों तक राज्‍य किया.

(9) महात्‍मा बुद्ध की सेवा में बिम्बिसार ने राजवैद्य जीवक को भेजा. अवन्ति के राजा प्रद्योत जब पाण्‍डु रोग से ग्रसित थे उस समय भी बिम्बिसार ने जीवक को उनकी सेवा सुश्रुषा के लिए भेजा था.

(10) बिम्बिसार ने वैवाहिक संबंध स्‍थापित कर अपने साम्राज्‍य का विस्‍तार किया. इसने कोशल नरेश प्रसेनजित की बहन महाकोशला से, वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्‍लना से और मद्र देश (आधुनिक पंजाब) की राजकुमारी क्षेमा से शादी की.

(11) बिम्बिसार की हत्‍या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर दी और वह 493 ई. पू. में मगध की गद्दी पर बैठा.

(12) अजातशत्रु का उपनाम कुणिक था.

(13) अजातशत्रु ने 32 सालों तक मगध पर शासन किया.

(14) अजातशत्रु शुरुआत में जैन धर्म का अनुयायी था.

(15) अजातशत्रु के सुयोग्‍य मंत्री का नाम वर्षकार था. इसी की सहायता से अजातशत्रु ने वैशाली पर विजय प्राप्‍त की.

(16) अजातशत्रु की हत्‍या उसके बेटे उदायिन ने 461 ई. पू.  में कर दी और वह मगध की गद्दी पर बैठा.

(17) उदायिन ने पाटलिग्राम की स्‍थापना की.

(18) उदायिन भी जैन धर्म का अनुयायी था.

(19) हर्यक वंश का अंतिम राजा उदायिन का बेटा नागदशक था.

(20) नागदशक को उसके अमात्‍य शिशुनाग ने 412 ई. पू. में अपदस्‍थ करके मगध पर शिशुनाथ वंश की स्‍थापना की.

(21) शिशुनाथ ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्‍थापित की.

(22) शिशुनाथ का उत्तराधिकारी कालशोक फिर से राजधानी को पाटलिपुत्र ले गया.

(23) शिशुनाथ वंश का अंतिम राजा नंदिवर्धन था.

(24) नंदवंश का संस्‍थापक महापदम नंद था.

(25) नंदवंश का अंतिम शासक घनानंद था. यह सिकंदर का समकालीन था. इसे चंद्रगुप्‍त मौर्य ने युद्ध में पराजित किया और मगध पर एक नए वंश मौर्य वंश की स्‍थापना की.

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